डेमोक्रेसी का हाईजैक

बात 20 दिसम्बर 1978 की है लखनऊ से दिल्ली जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या IC 410 को लखनऊ से उड़ने के चंद मिनटों बाद हाईजैक कर लिया गया | इस फ़्लाइट में 130 के करीब यात्री थे | हाईजैक करने वाले थे इंडियन यूथ कांग्रेस के दो सदस्य भोलानाथ पाण्डेय और देवेन्द्र

हाईजैकर्स ने यात्रियों को रिहा करने के बदले तीन मांगे रखी
ये मांगें थीं :-
१. इंदिरा गांधी को जेल से रिहा किया जाय
२. संजय गांधी और इंदिरा गांधी के खिलाफ सारे आपराधिक मामले विड्रॉ किये जायें ,और
३. केंद्र की जनता सरकार अपना इस्तीफा दे

असल मे ये हाइजैक खिलौने वाली पिस्तौल के दम पर किया गया था लिहाजा जब दबाव बढ़ा तो अपनी खिलौना बंदूकों के साथ बाद में इन दोनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत में सरेंडर कर दिया

इस घटना की सभी पार्टीयों ने जम कर आलोचना की सिर्फ कांग्रेस को छोड़कर ,पहले तो कांग्रेस ने इस घटना को सिर्फ एक मज़ाक समझ कर भूल जाने को कहा पर संसद में चर्चा के दौरान कांग्रेस इससे भी एक कदम आगे चली गयी कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों जिनमे वसंत साठे और आर वेंकटरमन थे इस घटना की तुलना गांधी जी के नमक आंदोलन से कर डाली और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध करने के अधिकार से जोड़ दिया

बाद में इन्ही हाईजैकर्स को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से टिकट देकर विधायक बनवाया इनका समर्थन करने वाले आर. वेंकटरामन आगे जाकर देश के राष्ट्रपति बने ।
भोला पांडे विधायक हुए, कांग्रेस ने हाईजैकिंग के इस कारनामे को अंजाम देने के इनाम में 1991 से 2014 तक पांच बार सांसदी का टिकट भी दिया जिसे वो कभी जीत ना सके वरना एक हाईजैकर भारतीय संसद में बैठा होता | देवेन्द्र (सुल्तानपुर से) कांग्रेस के टिकट पर 1980 में विधानसभा में जीत कर गए थे और उनके खिलाफ मुक़दमे सरकार ने वापिस ले लिए थे

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