कुछ यूँ उगा सबसे बड़े लोकतंत्र का सूरज

सदियों इंतज़ार के बाद दिन वो भी आया ,जब भारत के लिए सर्वस्व अर्पण करने वालों की विजय हुई,गुलामी की जंजीरे तोड़ हमारा देश स्वंतत्र हुआ, आज़ादी की सुबह हुई,गुलामी का तम छंटा!

26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान तैयार हुआ,लेकिन असल परीक्षा थी लोकतंत्र की बहाली , आगाज हुआ 1952 में प्रथम आम चुनावों से ।

जवाहरलाल नेहरू चाहते थे की 1951 के बसंत तक चुनाव करवाये जाएँ,इसे जल्दबाज़ी कहिये या उतावलापन आखिर जो भी कहिये ये उत्साह था लोकतंत्र के उत्सव के जल्द से जल्द आयोजन का।

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