हिन्दू रेट ऑफ ग्रोथ का सच

आज़ादी के बाद से ही नेहरू काल में भारत ने सोसलिस्ट इकॉनमी का मॉडल फॉलो किया और बाज़ार ,लाइसेंस राज लाल फीता शाही के नीचे दबा रहा , इस समय 1970 के दशक में एक भारतीय अर्थशास्त्री डॉक्टर राज कृष्णन ने एक कहा था लगता है किसी हिन्दू धर्मशास्त्र में लिखा है कि 3.5 % से ज्यादा ग्रोथ रेट नही होगी ओर 3.5 जैसे कोई दैवीय अंक है ।

भारत की अर्थव्यवस्था को डिफाइन करने के लिये और अपने नकारेपन को छुपाने के लिये इस टर्म ” हिन्दू रेट ऑफ ग्रोथ ” का बहुत इस्तेमाल हुआ ।

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